शिबू सोरेन
(झामुमो)
अध्यक्ष महोदय एवं सभा-नेता ने अभी हम लोगों के बीच जिन दिवंगत नेताओं के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की है और उनकी आत्माओं की शांति के लिए जो प्रार्थना की है, मैं उन लोगों के साथ हूँ। त्रिपुरारि बाबू, जो आज हमारे बीच नहीं हैं, सभा के अध्यक्ष रह चुके थे और उनके साथ मुझे तो मौका नहीं मिला था, उस वक्त मैं मेंबर नहीं था। श्री कर्पूरी ठाकुर आज हमारे बीच में नहीं है। यह बिहारवासियों के लिए ही नहीं, वरन् सारे देश के लिए बहुत बड़ी क्षति हुई है। हमको याद है कि जनता सरकार जब बनी थी, उस वक्त हम लोगों ने पुरजोर आंदोलन छोटानागपुर और संथाल परगना में किया, तो वे इस आंदोलन को नजरअंदाज करने के लिए हम लोगों के पास गए थे और हमलोगों के साथ बहुत समय तक बातें करते रहे। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के लोगों के दिल के खिलाफ इस आंदोलन को देखा और उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई रास्ता ढूँढ़ेंगे। हम लोगों ने उनको संथाल परगना आमंत्रित किया और वे आए। हम लोगों ने कहा कि यह हमारा आंदोलन आपकी सरकार के खिलाफ है। यह संथाल परगना का सौभाग्य है कि आज ऐसे महान् नेता हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा था कि आदिवासियों के खिलाफ जो कुछ भी हुआ है, उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार को इसके लिए बहुत दुःख है। और बातचीत के दौरान हम लोगों को मदद देने का जो वायदा किया था, उन्होंने वह पूरा किया। तो ऐसे नेता भी हमारे बीच हुए हैं और आज उनके नहीं होने से हर आदमी को खलता है।