कर्पूरी ठाकुर को मिले ‘भारत रत्न’


जनवरी 14, 2008

‘भारत रत्न’ को लेकर चल रही चैतरफा चर्चा में राजद विधान पार्षद डाॅ. भीम सिंह ने एक नया राग छेड़ दिया है। उनका कहना है कि उनकी यह माँग काफी पुरानी है। उनकी नजर में जननायक कर्पूरी ठाकुर बताते हुए वे कहते हैं कि समाज के जिस पायदान से उठकर लड़े, वह देश और समाज के प्रति कर्तव्यनिष्ठा ही थी।

उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर समाज की सेवा की। उन्होंने एक बार उप-मुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री के रूप में सूबे की कमान सँभाली। इसके साथ ही लंबे समय तक वे विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। आज के राजनेताओं में जिस तरह से ईमानदारी का क्षरण हो रहा है, उसमें वे ईमानदारी की मिसाल रहे। बिहार में जन्म लेकर भले ही उन्होंने बिहार को ही कर्मक्षेत्र बनाया, लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका हमेशा दखल रहा। अब तक देश के 40 महापुरुषों को ‘भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।

‘सामाजिक न्याय समता आंदोलन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. भीम सिंह का कहना है कि वे काफी पहले से ही कर्पूरी ठाकुर के लिए ‘भारत रत्न’ की माँग करते रहे हैं। यह माँग वे तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के कार्यकाल में विधानसभा में भी उठा चुके हैं। बीते साल 23 जनवरी को राजधानी के तारामंडल में हुए सेमिनार में भी उन्होंने यह माँग दोहराई थी। यदि इस बार कर्पूरीजी को यह सम्मान नहीं दिया गया तो वे इसके लिए आंदोलन करेंगे। इसकी शुरूआत कार्पूरी ठाकुर की जयंती 23 जनवरी की पूर्व संध्या पर गोलंबर पर धरना देकर करेंगे। जरूरत पड़ी तो प्रखंड स्तर से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक भी धरना देंगे।