संचिका तीन वर्षों से विचाराधीन
नवंबर 12, 2007
पटना विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में जननायक कर्पूरी ठाकुर की सामाजिक शोध एवं आर्थिक विकास केंद्र स्थापित करने की संचिका पिछले तीन वर्षो से विचाराधीन है। दिसंबर 2004 में पटना विश्वविद्यालय की सीनेट की बैठक में सदस्य डाॅ. भीम सिंह ने केंद्र के लिए लिखित प्रस्ताव दिया था। बैठक में इसे सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अगले साल भी सीनेट की बैठक में इस मुद््दे को उठाया गया। डाॅ. सिंह के मुताबिक विधान परिषद् के 153वें सत्र में उन्होंने केंद्र की स्थापना का मामला उठाया था। उस समय मानव संसाधन विकास मंत्री वृशिण पटेल ने कहा कि राज्य सरकार कर्पूरीजी के नाम पर शोध केंद्र की स्थापना करेगी। डाॅ. सिंह ने रविवार को पटना में बताया कि दो महीना पहले वि.वि. ने उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि केंद्र की स्थापना में और अधिक देरी नहीं होनी चाहिए।